Last updated on November 13th, 2023 at 04:54 am
सर्व शिक्षा अभियान 2022 Sarva Shiksha Abhiyan 2022
शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकारों में से एक है जिसको प्राप्त करने का अधिकार सभी रखते है | चाहे कोई भी देश हो उसमें शिक्षा के महत्व को समझना बहुत ही आवश्यक है | भारत सरकार ने भी शिक्षा के लिए एक बहुत बड़ा बजट रिज़र्व किया हैं जिसके अन्तरगत हर बच्चे को अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा देने का लक्ष्य रखा है | सर्व शिक्षा अभियान (Sarva Shiksha Abhiyan) के माध्यम से पूरे देश को कवर करने और 1.1 मिलियन बस्तियों में 192 मिलियन बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में लागू किया जा रहा है।
सर्व शिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश्य उन बस्तियों में नए स्कूल खोलने की का है जिनमें स्कूली शिक्षा की सुविधा नहीं है और अतिरिक्त क्लास रूम, शौचालय, पेयजल, रखरखाव अनुदान और स्कूल सुधार अनुदान के प्रावधान के माध्यम से मौजूदा स्कूल बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। साथ ही ऐसे स्कूल जिनमे शिक्षको की कमी हैं उनको शिक्षक उपलब्ध करवाना है |
सर्व शिक्षा अभियान क्या है ? Sarva Shiksha Abhiyan 2022
What is Sarva Shiksha Abhiyan ? :- यह भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे प्रारंभिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण (यूईई) को प्राप्त करने के लिए 2001 में शुरू किया गया था। जब भारतीय संविधान में अनुच्छेद 21 ए के तहत सभी को शिक्षा प्रदान करना मौलिक अधिकार बना दिया गया तब Sarva Shiksha Abhiyan (SSA) को कानूनी समर्थन प्रदान किया गया था | जिस से 6-14 आयु वर्ग के बच्चों के लिए शिक्षा को मुफ्त और अनिवार्य कर दिया गया था। एसएसए का उद्देश्य इस मौलिक अधिकार की अपेक्षाओं को एक समय में पूरा करना है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD), भारत सरकार (GOI) सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम का संचालन करता है।
सर्व शिक्षा अभियान की विशेषता
Features of Sarva Shiksha Abhiyan :- हम सभी जानते हैं की SSA मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का समर्थन करता हैं जिसके अंतर्गत 6 -14 साल के बच्चो को प्राथमिक शिक्षा के साथ साथ बच्चो के नैतिक गुणों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है | इन सब के अलावा भी ऐसी अनेक विशेषता हैं जिनके आधार पर यह एक जनउपयोगी योजना बन गयी हैं Sarva Shiksha Abhiyan 2022
- इस योजना के तहत 6-14 वर्ष के बच्चो को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान रखा गया हैं क्योंकि हमारे संविधान के द्वारा भी शिक्षा को एक मौलिक अधिकार बना दिया गया है
- SSA के तहत निशुल्क पाठ्यपुस्तक दी जाती हैं
- परियोजना के तहत स्कूल के लिए 2,000 रुपए प्रति स्कूल अनुदान दिया गया था। विद्यालय अनुदान में से 1000 स्कूल पुस्तकालय सुविधाओं के सुधार के लिए दिया गया था। बाकी निधि को गैरकार्यात्मक उपकरण को कार्यात्मक बनाने में, स्कूल सौंदर्यीकरण, मरम्मत और फर्नीचर अनुरक्षण, संगीत वाद्ययंत्र और स्कूलों के संपूर्ण पर्यावरण के विकास पर खर्च किया गया था।
- शिक्षा में गुणवत्ता लाना सर्व शिक्षा अभियान का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है। प्रशिक्षण में सुधार लाने की कई रणनीतियां बनाई गयी है जिसके अंतर्गत शिक्षकों को प्रशिक्षण और पुनःप्रशिक्षण, नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का प्रशिक्षण, नेशनल करिकुलम फ़्रेम वर्क (एनसीएफ 2005) में अभिज्ञता प्रशिक्षण, ग्रेडिंग प्रणाली और ग्रेडिंग प्रणाली के प्रभाव का मूल्य निर्धारण, शैक्षिक और गैर शैक्षिक क्षेत्रों में सुधार, विशेष ध्यानयोग्य बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा पर शिक्षकों का प्रशिक्षण,
- गुणवत्ता शिक्षा मापदंड योजना और गुणवत्ता की शिक्षा का कार्यान्वयन, 9) संसाधन समूहों को सभी स्तरों पर मज़बूती (प्रत्येक विषय के लिए अलग संसाधन समूह) 300-350 संसाधन व्यक्ति प्रति जिला) जिसमें गतिविधियां, स्थान समर्थन और समीक्षा बैठकों को सुनिश्चित किया जा रहा है। Sarva Shiksha Abhiyan 2022
- DIET ने परीक्षण आवश्यकताओं की पहचान की – प्रशिक्षण मॉड्यूल का विकास किया। इस प्रक्रिया से प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलती है। प्रशिक्षकों और ब्लॉक कार्यक्रम अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है।
- दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम (डीईपी) सर्व शिक्षा अभियान का राष्ट्रीय घटक है, जो कि राष्ट्रीय मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा प्रायोजित है। इसे भारत के सभी राज्य/संघ क्षेत्रों की सहायता से इंदिरा गांधी नेशनल ओपन युनिवर्सिटी (आईजीएनओयू) द्वारा लागू किया गया है।
- प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के कार्यरत-शिक्षा और अन्य कर्मचारी वर्ग में डीईपी-एसएसए का एक महत्वपूर्ण इनपुट होगा। ऑडियो-वीडियो कार्यक्रम, रेडियो प्रसारण, टेलीकॉन्फ्रेंसिंग आदि जैसे मल्टी-मीडिया पैकेज का इस्तेमाल करते हुए आमने-सामने प्रशिक्षण की आपूर्ति करता है।
- प्रशिक्षण का दूरस्थ मोड केवल सर्वाधिक संख्या में छात्रों को प्रशिक्षित नहीं करता बल्कि प्रशिक्षण इनपुट में एकरूपता प्रदान करता है और संचारण नुकसान को कम करता है, जो कि आमतौर पर फेश-टू-फेश प्रशिक्षण के सोपानी मॉडल में अनुभव प्राप्त करता है।
- सारे बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देने के लिए सर्व शिक्षा अभियान को अभिगम देने का एक प्रमुख हस्तक्षेप वैकल्पिक और अभिनव शिक्षा (AIE) है। जनजातीय और तटीय क्षेत्रों में वंचित और हाशिए पर रहे समूहों के बच्चों के भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों को विकसित किया गया है।
प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन 2022
सर्व शिक्षा अभियान के लाभ Sarva Shiksha Abhiyan 2022
Benefits of Sarva Shiksha Abhiyan :- SSA योजना अपने साथ अनेक फायदे लेकर आयी हैं जिसके कारण भारत में शिक्षा का तेजी से प्रसार हुआ है और आज यह योजना अपने निर्धारित लक्ष्य के करीब हैं .आज हम इस योजना के फायदे के बारें में विस्तार से जानेगे
- इस योजना के तहत 6-14 वर्ष के बच्चो को मुफ्त शिक्षा दी जाती हैं और इसके लिए उनसे एक भी रूपया चार्ज नहीं किया जाता है
- योजना के अन्तरगत फ्री किताब और अन्य पाठ्य सामग्री मुफ्त उपलब्ध करवाई जाती है |
- SSA के तहत न सिर्फ छात्रों को बल्कि शिक्षको के प्रक्षिशन पर भी विशेष ध्यान दिया गया हैं और उनको अंतरास्ट्रीय सेमिनारो में भेज कर प्रक्षिशन दिलवाया जाता है |
- Sarva Shiksha Abhiyaan को MID DAY MEAL योजना से जोड़कर स्कूल में ही दोपहर में मुफ्त भोजन दिलवाया जाता हैं |
- इस योजना के तहत विद्यालय के मूल भूत ढांचे और उसके रख रखाव के लिए भी बजट रखा गया हैं जिसके तहत आधुनिक विद्यालयों की तरह उनका भी काया कल्प किया जा सके |
- हर विद्यालय को 2000 रूपए प्रति छात्र का अनुदान दिया जाता हैं एक वर्ष के लिए
- इस योजना के तहत हर स्कूल में एक अच्छी लाइब्रेरी की व्यवस्था की गयी हैं जिसके लिए विद्यालय अनुदान से 1000 रूपए दिया जाता है | सिर्फ विद्यालय को ही नहीं बल्कि शिक्षको को भी अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया हैं जिसके तहत हर शिक्षक को 500 रूपए का अनुदान दिया जायेगा |
- सर्व शिक्षा अभियान को दूरस्थ शिक्षा से जोड़ा गया है जिसके तहत कोई भी बच्चा बिना स्कूल गए घर पर रहकर भी शिक्षा प्राप्त कर सकता है |
स्फूर्ति योजना हिंदी SFURTI Scheme Details In Hindi 2022
सर्व शिक्षा अभियान योजना का प्रमुख उद्देश्य
Yojanas under Sarva Shiksha Abhiyaan :-
- 2003 तक सभी बच्चे स्कूल जाने लगे।
- 2007 तक प्राथमिक शिक्षा का 5 साल पूरा करना और 2010 तक स्कूली शिक्षा का 8 साल पूरा करना।
- प्राइमरी स्कूलों के लिए संतोषजनक और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना
- 2007 तक देश के प्राथमिक स्कूलों और जूनियर स्कूलों में सामाजिक अंतर और लिंग भेदभाव को समाप्त करना।
- 2010 तक भारत में सार्वभौमिक रूप से सर्व शिक्षा अभियान चलाना जिसमें देश के सभी बच्चों को शिक्षा मिल सके।
- राज्यों की भागीदारी 2010 तक 6 से 14 साल तक के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराना है।
- सर्व शिक्षा अभियान के लिए आवंटित धन (फंड)
- इस योजना को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार ने 7000 करोड रुपए दिए थे। 2011- 2012 के लिए 21000 करोड रुपए आवंटित किए हैं।
- सर्व शिक्षा अभियान के लिए शिक्षक प्रशिक्षण (Teacher’s Traning for Sarva Shiksha Abhiyan )
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