Last updated on December 24th, 2023 at 05:41 am
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना Sovereign Gold Bond Scheme
सोने में निवेश के कई विकल्प होते हैं। जैसे – गहने, सोने के सिक्के, गोल्ड बुलियंस वगैरह। सोने में निवेश के 4 तरीके हैं, (सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड , पेमेंट ऐप से भी खरीद सकते हैं गोल्ड और गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स ) | इनमें से एक मुख्य सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) भी है जिसके बारे में आज हम अपनी इस पोस्ट में बतायेंगे | सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 की नौंवी सीरीज (Sovereign Gold Bond Scheme 2021-22 Series 9) 10 जनवरी को खुल रही है।
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गोल्ड बॉन्ड की इस नई सीरीज के लिए 4,786 रुपये प्रति ग्राम का निर्गम मूल्य तय किया है। इसमें 14 जनवरी तक निवेश किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन करने वाले और डिजिटल माध्यम से भुगतान करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट दी जाएगी। इसका मतलब है कि ऐसे निवेशकों को यह बांड 4,736 रुपये प्रति ग्राम के भाव पर मिलेगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश के बारे में हमनें इस पोस्ट में विस्तार से बताया है |
Sovereign Gold Bond :- सोने में निवेश के कई विकल्प होते हैं। जैसे – गहने, सोने के सिक्के, गोल्ड बुलियंस वगैरह। लेकिन इन सबमें सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड। इस सरकारी स्कीम में निवेश से रिस्क बेहद कम हो जाता है और आप बेफिक्र होकर रिटर्न हासिल कर सकती हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को रिजर्व बैंक जारी करता है इसलिए इसकी शुद्धता को लेकर कोई झंझट नहीं होता। गोल्ड बॉन्ड पर आपको सालाना 2.50% ब्याज मिलता है। गोल्ड बॉन्ड के मैच्योर होने पर उस वक्त बाजार में सोने की जो कीमत होती है, उस पर आप बेच सकती हैं। इसकी खासियत ये है कि फिजिकल सोने की तरह इसके स्टोरेज की चिंता नहीं करनी पड़ती है।
सोने में निवेश के और भी कई विकल्प है :-
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Minimum Investment in Sovereign Gold Bond Scheme :- इसमें पांच साल बाद अगले ब्याज भुगतान की तिथि पर बॉन्ड से निवेश निकालने का भी विकल्प होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अवधि आठ वर्षों की होती है। Sovereign Gold Bond में निवेशक को कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश करना होगा। कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम चार किलो मूल्य तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। जबकि, ट्रस्ट और समान संस्थाओं के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है।
Features of Sovereign Gold Bond Scheme :-
No hassle of storing like physical gold :- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, पेपर फॉर्म में होता है। इसलिए इसके साथ फिजिकल गोल्ड (Physical Gold) की तरह कहां स्टोर किया जाए कहां नहीं, ऐसी कोई दिक्कत नहीं है। आप बॉन्ड पेपर को संभालकर किसी फाइल में आसानी से सुरक्षित रख सकते हैं। बॉन्ड्स RBI (Reserve Bank of India) की बुक्स में दर्ज रहते हैं या डीमैट फॉर्म में रहते हैं। इसलिए स्क्रिप के नुकसान का जोखिम नहीं होता है।
Calculation of Tax in Sovereign Gold Bond Scheme :-सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का ब्याज इनकम टैक्स एक्ट , 1961 के तहत टैक्सेबल है। एक वित्त वर्ष में गोल्ड बॉन्ड से हासिल ब्याज , गोल्ड बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज करदाता की अन्य स्रोत से इनकम में काउंट होता है। इसलिए इस पर टैक्स इस आधार पर लगता है कि करदाता किस इनकम टैक्स स्लैब में आता है। हालांकि गोल्ड बॉन्ड से हासिल ब्याज पर TDS नहीं है। Sovereign Gold Bond का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है। 8 साल पूरा होने के बाद ग्राहक को प्राप्त होने वाला रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री है।
How much tax on withdrawal before maturity period :- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड से दो तरीके से समय से पहले बाहर निकला (Prematurely exit) जा सकता है। ऐसा करने पर बॉन्ड के रिटर्न पर अलग-अलग टैक्स रेट लागू हो जाते हैं :-
Where to buy Sovereign Gold Bond :- इस गोल्ड बॉन्ड को खरीदने के लिए कुछ निर्धारित जगहें है जहाँ से आप इसे खरीद सकते है | सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सभी बैंकों,के माध्यम से बेचे जाते हैं। स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Bank) और पेमेंट बैंकों (Payment Bank) को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बेचने की अनुमति नहीं होती है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड निम्न जगहों से भी खरीद सकते हैं :-
No making charges and GST like Jewelery :- चाहे कोई भी शॉप या शोरूम हो वहन पर जब हम गोल्ड आइटम लेते है या कोई आभूषण बनवाने के लिए देते है तो वे उसके साथ उसको बनाने के मेकिंग चार्ज को भी उसमें जोड़ देते है , साधारण शब्दों में जब गोल्ड ज्वैलरी खरीदते हैं तो मेकिंग चार्ज और जीएसटी (Goods and Services Tax) का भुगतान करना होता है लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के साथ ऐसा नहीं है। इन पर न ही जीएसटी है और न ही मेकिंग चार्ज का झंझट। साथ ही फिजिकल गोल्ड (Physical Gold) के मामले में शुद्धता (Purity of Gold) पर भी ध्यान देना होता है, वह झंझट भी गोल्ड बॉन्ड में नहीं है।
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